भारत और पाकिस्तान के बीच बिगड़ते रिश्ते
बॅटवारे के बाद से ही दोनों देशो
के रिश्ते ख़राब होने लगे थे लेकिन उरी हमले के घाव और भारतीय सेना
के सर्जिकल स्ट्राइक ने भारत और पाकिस्तान के रिश्तो को और अधिक जटिल बना
दिया है ।
सन
1947 में बॅटवारे के समय भारत से अलग हुआ हिस्सा जो बाद में पाकिस्तान
बना उस अलगाव के समय किसी ने सोचा भी नही था ,की घर के बॅटवारे में अलग हुआ
हिस्सा पाकिस्तान आज हमारा सबसे बड़ा दुश्मन बनेगा। पाकिस्तान के साथ भारत
के रिश्ते समय -समय पर बनते और बिगड़ते रहे। भारत की हर सरकार ने
पाकिस्तान के साथ समय -समय पर संबंध मजबूत करने की कोशिश की लेकिन हर बार
पाकिस्तान ने भारत के साथ विश्वासघात हुआ।
अगर बात करे मौजूदा सरकार के समय की सबसे बड़ी आतंकवादी घटना की तो हमें
उरी हमला सबसे पहले याद आता है , आये भी क्यों नही इस घटना में हमारे देश
के 18 सैनिक जो शहीद हुए। सरकार पर बढ़ते दवाब और लगातार बैठको के दौर का
नतीजा भारतीय सेना द्वारा पीओके में सर्जिकल स्ट्राइक कर 38 आतंकवादी और दो
पाकिस्तानी सैनिको को भी मार गिराया। भारतीय सेना का पाकिस्तान में यह
पहला सर्जिकल स्ट्राइक था , तो भारत सरकार ने यह बात देश के राष्ट्पति ,
जम्मू -कश्मीर के गवर्नर , मीडिया , राजनीतिक पार्टियों , एवं सभी प्रदेशो
के मुख्यमंत्रियो को भी सूचित किया।
इन सब घटना के बाद आखिर सवाल उठता है, की विभाजन के इतने सालो के बाद भारत
ने पहली बार सर्जिकल स्ट्राइक क्यों किया ?. तीन बार युद्ध करने के बावजूद
और भारत पर सबसे बड़ा आंतकी हमला 26/11 के बाद भी सरकार और सेना में
सर्जिकल स्ट्राइक नही किया , तो फिर उरी हमले के बाद क्यों ?
यह प्रश्न पेचीदा इसलिए है क्यों कि , इस तरह के हमलो से पहले देशभक्ति,
राजनीतिक इच्छाशक्ति, और बदला लेना का जूनून होनी चाहिए। अब प्रश्न उठता
है,की क्या हमारे देश की मौजूदा सरकार की इच्छाशक्ति देश की पुरानी सरकारों
से आतंकवाद और पाकिस्तान के लिए ज्यादा है ? यह फिर मौजूदा सरकार ने
चुनाव के समय जो देश से बड़े -बड़े वादे किये थे उसके दवाब में यह किया ?
इस प्रश्न का उत्तर तो लोगो के विचारो पर निर्भर करता है ,की लोग क्या
सोचते है , खैर सर्जिकल स्ट्राइक कर भारत ने सैन्य क्षमता का उदाहरण पुरे
विश्व को दे दिया। अब देखना यह है ,कि भारत सरकार कूटनीति के द्वारा
पाकिस्तान को कैसे विश्व में अलग-थलग करता है। हम सब को पता है की पुरे
एशिया में चीन को छोड़कर सभी देश भारत के साथ खड़े है। लेकिन क्या भारत चीन
को मनाकर संयुक्त राष्ट में पाकिस्तान को आतंक राष्ट घोषित करने का प्रयास
करेगा ? .
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