क्या त्रिकोणीय होगा दिल्ली का 2019 विधानसभा चुनाव ?



नई दिल्ली. सोमवार शाम को केंद्रीय चुनाव आयोग ने दिल्ली विधानसभा चुनावों के लिए तारीखों का ऐलान कर दिया. तारीखों के ऐलान के बाद से सभी पार्टीयों नें अपनी-अपनी जीत कर दावा करते हुए चुनावीं रण में जाने के लिए ताल ठोक दी है. दिल्ली विधानसभा के चुनाव इस बार भाजपा, आप और कांग्रेस तीनों ही पार्टीयों के लिए अहम हैं. एक ओर जहां अरविंद केजरीवाल अपनी सरकार के कामकाज के नाम पर जनता के बीच जा रहे हैं, वहीं भाजपा और कांग्रेस केजरीवाल सरकार पर विकास के नाम पर जनता को गुमराह करने का आरोप लगाते हुए जनता के बीच जा रही है. इन आरोप-प्रत्यारोप के बीच कौन दिल्ली की गद्दी पर काबिज़ होगा यह तो 11 फरवरी को ही पता चलेगा?

2015 विधानसभा चुनावों में आम आदमी पार्टी ने अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में ऐतिहासिक जीत दर्ज करते हुए 70 में से 67 सीटों पर जीत हासिल किया था, वही भाजपा को सिर्फ 3 सीटें मिली और 15 साल राज करने वाली कांग्रेस पार्टी को 0 सीटें मिली. 2015 विधानसभा चुनावों में मिली जीत के बाद आम आदमी पार्टी ने अपने घोषणा पत्र में शामिल सभी मुद्दो को पूरा करते हुए राज्य में शिक्षा, स्वास्थ, बिजली, पानी के क्षेत्र में महत्वपूर्ण काम किया. केजरीवाल सरकार इन्हीं मुद्दो के साथ आगामी विधानसभा चुनावों में जाना चाहती है, लेकिन उसके सामने सबसे बड़ी समस्या CAA मुद्दे पर बीजेपी से पार पाना है ?

वही भाजपा ने विधानसभा चुनावों के लिए अपनी तैयारियां बड़े स्तर पर शुरु कर दिया है. पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने विधानसभा चुनावों की कमान खुद ही अपने हाथों में रखा है. गृहमंत्री केजरीवाल सरकार को घेरने के लिए कोई भी मौका नहीं छोड़ रहे है, फिर चाहें वह कार्यकर्ता सम्मलेन हो या CAA  समर्थन के लिए जनसम्पर्क  कार्यक्रम. बीजेपी के लिए दिल्ली इसलिए भी अहम हैं क्योंकि वह लगातार 5 विधानसभा ( झारखंड, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान) चुनाव हार चुकी है. अगर बीजेपी दिल्ली में केजरीवाल सरकार को सत्ता से बेदखल कर देती है तो यह उसके लिए बहुत बड़ी जीत होगी.
वहीं अगर बात करे कांग्रेस की तो उसके लिए दिल्ली विधानसभा चुनाव में खोने के लिए कुछ भी नही है और पाने के लिए बहुत कुछ. 2015 के चुनावों में 0 सीटें मिलने वाली पार्टी के पास ना तो प्रदेश में कोई नेता हैं और ना ही कोई मुख्यमंत्री पद के लिए उम्मीदवार. इसलिए कांग्रेस पार्टी इन चुनावों के लिए ज्यादा उत्साहित नहीं दिख रहीं है.
क्या कहते है ओपिनियन पोल –
एबीपी न्यूज और सी-वोटर ने दिल्ली विधानसभा चुनावों पर सबसे पहला ओपनियन पोल किया हैं. इस ओपिनियन पोल में आम आदमी पार्टी को 59 सीट, बीजेपी को 8 सीट और कांग्रेस को 3 सीट मिलने का अनुमान है. वहीं अगर वोट प्रतिशत की बात करे तो आम आदमी पार्टी को 53%, बीजेपी को 26% और कांग्रेस को 5%  मिलने का अनुमान है. इस पोल से एक बात तो साफ है कि, केजरीवाल सरकार एक बार फिर से दिल्ली में सरकार बनाती हुई दिखाई दे रही है, लेकिन 2015 के मुकाबले 8 सीटों का नुकसान हो रहा है.
पार्टी
सीट
वोट प्रतिशत
आप
59
53%
बीजेपी
8
26%
कांग्रेस
3
5%
अन्य
0
16%

यह 10 सीट बिगाड़ सकती है, आम आदमी पार्टी का गणित –

विधानसभा
रोहिणी
गांधी नगर
शकूर बस्ती
रोहतास नगर
नजफगढ़
गोड़ा
लक्ष्मी नगर
मुस्तफ़ाबाद
कृष्णा नगर



दिल्ली विधानसभा चुनावो में इन 10 सीटों पर हार जीत से पार्टीयों का गणित बिगड़ सकता है वह भी खासकर आम आदमी पार्टी का क्योंकि इन 9 सीटों पर हार जीत का अंतर 10 हजार से भी कम का है. 2015 विधानसभा चुनावो में इन 9 सीटों में से आम आदमी पार्टी ने 7 सीटों पर जीत दर्ज की थी, वही बीजेपी ने 2 सीटों पर जीत दर्ज की थी. अगर 2019 विधानसभा चुनावों में इन सीटों पर ध्यान दिया जाए तो यह सीटें हार जीत का अंतर कम कर सकती या फिर कहें आम आदमी पार्टी के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकती है.

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